۴ آذر ۱۴۰۳ |۲۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 24, 2024
अलम

हौज़ा / असर फाउंडेशन के अध्यक्ष शौकत भारती ने कहा कि मुहर्रम और अलम के बारे में भाजपा और कांग्रेस नेताओं के अपमानजनक बयान और वायरल पोस्ट से इमाम हुसैन के प्रेमियों की भावनाओं को ठेस पहुंची है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस पार्टी के निशान हाथ के पंजे की अलम के इस्लामी निशान के पंजे से तुलना कर बीजेपी नेता ने अपने अहंकार को साबित कर दिया। बेतुके बयान ने देश के शिया समुदाय को विशेष रूप से नाराज कर दिया है और इमाम हुसैन के चाहने वालो के दिलों को चोट पहुंचाई है।

इस संबंध में असर फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शौकत भारती ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की और उन दोनों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की। "खड़गे" के बयान ने इमाम हुसैन के प्रशंसकों को आहत किया है। "खड़गे" को समझना चाहिए कि मुहर्रम शोक का इस्लामी महीना है और इस महीने में यज़ीदी आतंकवादियों ने मुहम्मद के नवासे इमाम हुसैन और उनके 72 साथीयो को जिनमे छोटे-छोटे मासूम बच्चे भी थे, जो बिना किसी अपराध या पाप के तीन दिन की भूख-प्यास से शहीद हो गए थे। इसलिए इमाम हुसैन के प्रेमी ग़म मनाते हैं। हर साल मुहर्रम के महीने में मातम मनानते है, नाचनते और खुशीया नही मनाते और यह बात पूरी दुनिया जानती है, यह भी मानवता की मांग है कि शोषितों और मासूमों की शहादत पर नाच-गाना एक शैतानी हरकत है।

अलम के पंजों और मोहर्रम का अपमान बर्दाश्त नहीः शौकत भारती

उन्होंने आगे कहा कि यह एक गहरी साजिश का हिस्सा है। देश की एक बड़ी और जिम्मेदार पार्टी का अध्यक्ष बनने के आकांक्षी को ऐसी मूर्खता से बचना चाहिए और इमाम हुसैन के प्रेमियों से तुरंत माफी मांगनी चाहिए। किसी भी व्यक्ति या संगठन को कोई अधिकार नहीं होना चाहिए। दुनिया भर में फैले इमाम हुसैन के प्रशंसकों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए, इसलिए सभी को बहुत सोच-समझकर बयान देना चाहिए। "मुहर्रम में नाचने की बात" करने वाले कांग्रेस अध्यक्ष के लिए मल्का अर्जुन खड़गे ने दुनिया भर में पाए जाने वाले इमाम हुसैन (अ) के प्रेमियों को नाराज कर दिया है, जो खुद को महात्मा गांधी के अनुयायी कहते हैं। इस कांग्रेसी को मुहर्रम और इमाम हुसैन (अ.) के बारे में उन्होंने जो कुछ कहा, उसके बारे में थोड़ा महात्मा गांधी को पढ़ना चाहिए। देश की सबसे बड़ी और जिम्मेदार पार्टी के अध्यक्ष के दावेदार, जिन्होंने इमाम हुसैन (अ) के प्रेमियों को पीड़ा पहचाई है, उसकी जितनी निंदा की जाए कम है। उन्हे अपने बेतुके बयान के लिए तुरंत माफी मांगनी चाहिए।

शौकत भारती ने कहा: ऐसा ही एक और मामला है जिसने इमाम हुसैन (अ) के प्रेमियों की धार्मिक भावनाओं को भी ठेस पहुंचाई है। यानी बीजेपी के एक नेता ने अपने एक पोस्ट में हमारे अलम के पवित्र प्रतीक को एक राजनीतिक दल के पंजे से जोड़कर इमाम हुसैन के प्रशंसकों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। सरकार को ऐसे व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और किसी को भी अपने राजनीतिक दल को दबाने के लिए किसी भी राष्ट्र या धर्म की भावनाओं को आहत करने का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए। दुनिया भर में मुहर्रम के जुलूसों में आगे आगे एक निशान चलता है जिसे अलम कहते है। अलम एक कपड़े से ढके हुए लंबे बांस के ऊपर लगे हुए हाथ के पंजे और उसमे लिपटी हुई छोटी सी पानी की मश्क के सिंबल को अलम कहते है। जिसे मोहर्रम के जूलूस मे उठाकर आगे आगे चलते हैऔर इस अलम को दिखा कर मातम करने वाले यह संदेश देते है कि 1400 साल पुराने आतंकवाद को जिसमे मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन और उनके परिवार और साथियों ने शहीद कर दिया गया था। उन भूखे-प्यासे बहत्तर साथियों के सेनापति का नाम अब्बास था जो बच्चों की प्यास बुझाने के लिए नहर से पानी लेकर लौट रहा था और यज़ीदी आतंकवादियों ने उसके दोनों हाथ काटकर उसको शहीद कर दिया था।

उन्होंने कहा: यही कारण है कि इमाम हुसैन (अ. ) के चाहने वालों में इस अलम के प्रति अपार श्रद्धा है। जिन लोगों ने हज़रत अब्बास (अ.स.) के अलम को कांग्रेस पार्टी के पंजों से जोड़कर उनके पोस्ट को वायरल कर दिया, उन्होंने इमाम हुसैन (अ.स.) के प्रशंसकों की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है। सरकार को उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।"

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